बच्चे होते मन के होते पवित्र और सच्चे उन्हें हम और हमारा समाज ही सीखता इस दुनिया के भेद भाव और सामाजिक अंतर एक दिन लॉकडाउन में मेरी बेटी ने पूछ लिया मुझसे ये कोरोना वायरस क्या सिर्फ शहरी लोगों होता है क्योंकि बहुत काम वाले शहर छोड़ भूखे नंगे पांँव पैदल गांव जा रहे हैं मैं किंकर्तव्यविमूढ़ हो गई सोची क्या मैं बोलूंँ कि ये आर्थिक सामाजिक विषमता का परिचायक है।। नमस्कार लेखकों! 🌺 सितंबर के इस माह में हम हमारे लेखकों के लिए ले कर आए हैं "WOTD" यानी "Word Of The Day," जिसके अंतर्गत लेखकों को हर दिन एक नया शब्द/ मुहावरा या वाक्यांश दिया जायेगा जिसका प्रयोग उन्हें अपनी कविता/ लेखन में करना होगा। नियमों की सूची नीचे अनुसार है : 🌻दिए गए शब्द/मुहावरे/वाक्यांश का उपयोग अपने लेखन में प्रयोग किजिये।