//रुठा रुठा सा इश्क// **************** इस्तकबाल तेरी वफाओं का मेरी मोहब्बत कर रही, इसबात ए हवा बन मुंसिफ गवाही है भर रही, तेरे एहसास ए तस्कीन के परिंदे हुए हैं जबसे, दीदार ए हुस्न कर के कायल हो गए हैं तब से, मदहोशी का आलम कैसा छाया ना पूछो हमसे सखी , मोहब्बत के जाम नज़रो से पीए , कर बैठे है गुस्ताखी, पर ना जाने वो हम-नफ्स, क्यों खफा नज़र आता है, रुठा रुठा सा इश्क मेरा, देख मेरा दिल घबराता है, नसीब ए रोजी में साथ लिख हंसी हम-राज का, दिल मेरा दरगाह बन जाए , गाए तराना मौसीकी का। #cinemagraph #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kksc12 #रूठारूठासाइश्क़