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षोडशी : रामायण के रहस्य सर्वकला संभूषण गुंटुर शेष

 षोडशी : रामायण के रहस्य
सर्वकला संभूषण

गुंटुर शेषेन्द्र शर्मा द्वारा विरचित ‘षोडशी’ भारत के विमर्शात्मक साहित्य को वैश्विक वाङमय में स्थापित करने वाला अत्युत्तम ग्रंथ है । ‘षोडशी’ नाम स्वयं महामंत्र से जुड़ा हुआ है । इस नाम को देखकर ही कहा जा सकता है कि यह एक आध्यात्मिक उद्बोधनात्मक ग्रंथ है । वाल्मीकि रामायण के मर्म को आत्मसात करने के लिए कितना अधिक शास्त्रीय-ज्ञान की आवश्यकता है, यह इस ग्रंथ को पढ़ने से ही समझ में आता है । इतना ही नहीं वाल्मीकि रामायण की व्याख्या करने के लिए वैदिक वाङमय की कि
 षोडशी : रामायण के रहस्य
सर्वकला संभूषण

गुंटुर शेषेन्द्र शर्मा द्वारा विरचित ‘षोडशी’ भारत के विमर्शात्मक साहित्य को वैश्विक वाङमय में स्थापित करने वाला अत्युत्तम ग्रंथ है । ‘षोडशी’ नाम स्वयं महामंत्र से जुड़ा हुआ है । इस नाम को देखकर ही कहा जा सकता है कि यह एक आध्यात्मिक उद्बोधनात्मक ग्रंथ है । वाल्मीकि रामायण के मर्म को आत्मसात करने के लिए कितना अधिक शास्त्रीय-ज्ञान की आवश्यकता है, यह इस ग्रंथ को पढ़ने से ही समझ में आता है । इतना ही नहीं वाल्मीकि रामायण की व्याख्या करने के लिए वैदिक वाङमय की कि

षोडशी : रामायण के रहस्य सर्वकला संभूषण गुंटुर शेषेन्द्र शर्मा द्वारा विरचित ‘षोडशी’ भारत के विमर्शात्मक साहित्य को वैश्विक वाङमय में स्थापित करने वाला अत्युत्तम ग्रंथ है । ‘षोडशी’ नाम स्वयं महामंत्र से जुड़ा हुआ है । इस नाम को देखकर ही कहा जा सकता है कि यह एक आध्यात्मिक उद्बोधनात्मक ग्रंथ है । वाल्मीकि रामायण के मर्म को आत्मसात करने के लिए कितना अधिक शास्त्रीय-ज्ञान की आवश्यकता है, यह इस ग्रंथ को पढ़ने से ही समझ में आता है । इतना ही नहीं वाल्मीकि रामायण की व्याख्या करने के लिए वैदिक वाङमय की कि