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"मां , भूख लगी है"...बेबस उसकी नज़रें नजाने क्या त

"मां , भूख लगी है"...बेबस उसकी नज़रें नजाने क्या तलाश रही थी।

लाचार तो वो थी साहब..कमबख्त आज छाती का दूध सुख चुका था.. दूध!
"मां , भूख लगी है"...बेबस उसकी नज़रें नजाने क्या तलाश रही थी।

लाचार तो वो थी साहब..कमबख्त आज छाती का दूध सुख चुका था.. दूध!