जो ज़िन्दगी में ही नहीं, उसे रेख्तों में क्यूँ रखूँ.. जो दिल मे ही नहीं, उसे अल्फाज़ों में क्यूँ रखूं,,,, जब लकीरों में ही नहीं है दास्तां-ए-मोहब्बत... तो अब इस दास्तां को अपने ख्यालों में क्यूँ रखूँ..!! #zindagi #rekhta #khayal #mohabbat #alfaaz #yqbhaijan #shayari