माना कि हमारी मोहब्बत में थोड़ी कड़वाहट है मगर तुम किसी और को चाहो हमें, मंजूर नहीं हमें Good Night बोलकर तुम रात भर जागो हमे, मंजूर नहीं माना कि हमारी मोहब्बत मुकम्मल नहीं मगर तुम किसी गैर की राहों में हमें, मंजूर नहीं माना कि वक्त बुरा है मेरा मगर तुम यूं बेवक्त किसी और के साथ हमे, मंजूर नहीं माना कि मेरी मोहब्बत थोड़ी ना समझ है मगर तुम मोहब्बत यूं हर किसी से समझकर हमे,मंजूर नहीं जमाने को हमें अपना बता कर तुम किसी और की हो हमें, मंजूर नहीं हमें अपने जीवन के किसी कोने में जगह देकर दिल में किसी ओर को घर बनाने दो हमें, मंजूर नहीं सुनो हमारी हो तो हमारी ही रहो दरबदर सबकी बनो हमें, मंजूर नहीं मंजूर नहीं, मंजूर नहीं, मंजूर नहीं !!!!!!!! ©सुदामा सिंह राजपुत #alone #nojatohindi #मंजूरनहीं