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किसी रोज यूं ही बेवजह आ किसी रोज ना जाने के लिए आ

किसी रोज यूं ही बेवजह आ
किसी रोज ना जाने के लिए आ इश्क हो तो जूनून ए हद तक हो
मुकम्मल हो तो राहत ए जाँ तक हो,,,,,,

तेरा हर जुल्म सह लेंगे
होठों से ना हम कुछ कहेंगे,,,,,,

एक बार तो झूठा भरम देने को आ
सुकून दिल को मिल जाए,,,,,
किसी रोज यूं ही बेवजह आ
किसी रोज ना जाने के लिए आ इश्क हो तो जूनून ए हद तक हो
मुकम्मल हो तो राहत ए जाँ तक हो,,,,,,

तेरा हर जुल्म सह लेंगे
होठों से ना हम कुछ कहेंगे,,,,,,

एक बार तो झूठा भरम देने को आ
सुकून दिल को मिल जाए,,,,,
vandana6771

Vandana

New Creator

इश्क हो तो जूनून ए हद तक हो मुकम्मल हो तो राहत ए जाँ तक हो,,,,,, तेरा हर जुल्म सह लेंगे होठों से ना हम कुछ कहेंगे,,,,,, एक बार तो झूठा भरम देने को आ सुकून दिल को मिल जाए,,,,, #एहसास_तुम्हारे_होने_का #मुकम्मल_इश़्क