खुदा का नूर हो इक सुरूर हो सच कहूं तो कोहिनूर हो प्यारी सी गुड़िया हो एक खूबसूरत कविता हो सुरीला तराना हो जिसको मन से गाना हो खुशियों का गुलदस्ता हो जो दिल मे बस्ता हो नहीं कोई तुम सा था ना कोई तुम सा कभी हो ©Dr Supreet Singh #khoobsurati