चांद के चेहरे पर से घूंघट जब उठाया मैने, सुर्ख लबों को गुलाब सा कोमल पाया मैने। नजर ठहरी नहीं उस हुस्न पर कोशिशों के बाद काफिर निगाहों को कई बार फिर झुकाया मैंने।। #चेहरा मानो #महताब कोई लगे दिल में जैसे #आग कोई लबो पर उसके एक सुर्ख रंगत कुदरत का करिश्मा #लाजवाब कोई #शायरी #शायर #hindiurdu #tarunvijभारतीय