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White अर्ज़ है.... आँखों से वो मंज़र, गुज़र जाता

White अर्ज़ है....

आँखों से वो मंज़र, गुज़र जाता क्यूँ नहीं देखकर सामने मुझे, ठहर जाता क्यूँ नहीं

मसला ये नहीं, के अनदेखा किया है उसने मसला ये है, वो दिल से उतर जाता क्यूँ नहीं

बाद उसके, दिल को बहलाना चाहा बहुत मगर दिल से उसका असर, जाता क्यूँ नहीं

जिस तरह तलब है उसकी, दिल को मेरे वो भी मेरे मन को छू-कर, जाता क्यूँ नहीं

फ़र्क़ नहीं पड़ा उसे, मुझसे बिछड़कर भी मेरी तरह कभी, वो बिखर जाता क्यूँ नहीं..!!

©Kanchan Agrahari
  #love_shayari  Anshu writer  @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09  Neelam Modanwal ..  Satyaprem Upadhyay  sushil dwivedi