कहने को ढाई अक्षर का है प्यार, पर उम्रभर निभाना है, शुरुआत आँखों से होगी, फ़िर मामला दिल तक जाना है। बातों पे फिसलेगा ये मन, हर हादसे से जी अंजान होगा, दूर तक देगा घाव इश्क़, और दिल ही इसका निशाना है। टटोलना होगा, वादों के जाल में कहीं छुपा मनमीत होगा, सच्चा जो मिल जाए तो रूह तर जाए, वर्ना सब बहाना है। न ही है मुस्कुराने की, चाहत यहाँ किसे है ताज़ पाने की, हमारी आरज़ू तो बस, बाहों में मरकर साँसों में समाना है। सब बेअसर यहाँ,न लू जलाती है, न हवा-ए-सर्द कंपाती है, शहर-ए-इश्क़ में, हर दिल दीवाना है, हर मौसम सुहाना है। ♥️ Challenge-966 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।