रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए रोज़ रोज़ मिटते हैं, फिर भी ख़ाक न हुए आग धीमी लगी हैं, जो अब तक राख न हुए बुझा दे कोई अगर आब से, तो ठंडक दिल पर पड़ जाये जी ले फिर पल दो पल उन्हें चाहने की फ़िराक़ में ✍️~©Reserved by #Kishan Korram 📝27 Dec. 2019 #Roz_Roz_Mitte_Hai रोज़ रोज़ मिटते हैं, फिर भी ख़ाक न हुए आग धीमी लगी हैं, जो अब तक राख न हुए बुझा दे कोई अगर आब से, तो ठंडक दिल पर पड़ जाये जी ले फिर पल दो पल उन्हें चाहने की फ़िराक़ में ✍️~©Reserved by #Kishan Korram