सोचो तो सही आखिर कौन सी मंज़िल हासिल करना चाहते हो , सोचो, और बाकी काम तुम अपनी "मेहनत,, पर छोड़ दो, तुम्हे मंज़िल मिल जाएगी। मंज़िल की ओर,।।।