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उस रोज मुझे ये एहसास हुआ की कभी किसी के लिए भी तो

उस रोज मुझे ये एहसास हुआ
की कभी किसी के लिए भी तो कुछ नही कर पाई मैं
न सपने घर वालो के पूरे किए न 
कुछ पल अपने लिए जी पाई मैं
मेरी वो पहली मुलाकात कब अधूरी बन गई 
ये तो अभी तक न समझ पाई मैं
रोक रखे थे जो आँसू पापा ने अब तक
दबा रखे थे ज़िन्दगी भर के दर्द........
....वो आज क्यूँ उन्होंने ने बहा दिए
मैं उनके आँसुओ की वजह बन गई क्या??
और.... अरे बताओ ना....!
कहानी मैं सारी अधूरी छोड़ गई क्या??
न फ़र्ज़ अदा किए न प्यार ....मैं सच मे मर गई क्या...?? #सवाल खुद से.....
उस रोज मुझे ये एहसास हुआ
की कभी किसी के लिए भी तो कुछ नही कर पाई मैं
न सपने घर वालो के पूरे किए न 
कुछ पल अपने लिए जी पाई मैं
मेरी वो पहली मुलाकात कब अधूरी बन गई 
ये तो अभी तक न समझ पाई मैं
रोक रखे थे जो आँसू पापा ने अब तक
दबा रखे थे ज़िन्दगी भर के दर्द........
....वो आज क्यूँ उन्होंने ने बहा दिए
मैं उनके आँसुओ की वजह बन गई क्या??
और.... अरे बताओ ना....!
कहानी मैं सारी अधूरी छोड़ गई क्या??
न फ़र्ज़ अदा किए न प्यार ....मैं सच मे मर गई क्या...?? #सवाल खुद से.....
nilmanikashyap9393

N.k kashyap

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