(शेष अनुशीर्षक में) ~©Anjali Rai मुझे तुम्हारे भावों की, या शब्दों की "शून्यता" से कोई परहेज नहीं; ना कोई शिकायत है, तुम्हारे मौन से ... तुम्हारी "निःशब्दता" से । मैं समझती हूं