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*ये कैसा द्वंद्व है?* ============= दिल और दिमाग क

*ये कैसा द्वंद्व है?*
=============
दिल और दिमाग के बीच,
चल रहा ये कैसा द्वंद्व है?
मैं इंसान हूँ या मशीन,
कैसा ये यक्ष-प्रश्न है? 

मानव-हृदय मिला है जब,
तो भावनायें क्यों न हों?
विचारों की है शक्ति जब,
तो अभिव्यक्ति क्यों न हो? 

दिल में हैं जो तरंगें,
तो लहरों पर पाबंदी क्यों?
दिमाग की आवाज़ सुन,
तार्किकता की रज़ामंदी क्यों? 


**अनुशीर्षक में पूरी कविता पढ़ें**

©Muskan Satyam #dilemma

*ये कैसा द्वंद्व है?*
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दिल और दिमाग के बीच,
चल रहा ये कैसा द्वंद्व है?
मैं इंसान हूँ या मशीन,
कैसा ये यक्ष-प्रश्न है?
*ये कैसा द्वंद्व है?*
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दिल और दिमाग के बीच,
चल रहा ये कैसा द्वंद्व है?
मैं इंसान हूँ या मशीन,
कैसा ये यक्ष-प्रश्न है? 

मानव-हृदय मिला है जब,
तो भावनायें क्यों न हों?
विचारों की है शक्ति जब,
तो अभिव्यक्ति क्यों न हो? 

दिल में हैं जो तरंगें,
तो लहरों पर पाबंदी क्यों?
दिमाग की आवाज़ सुन,
तार्किकता की रज़ामंदी क्यों? 


**अनुशीर्षक में पूरी कविता पढ़ें**

©Muskan Satyam #dilemma

*ये कैसा द्वंद्व है?*
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दिल और दिमाग के बीच,
चल रहा ये कैसा द्वंद्व है?
मैं इंसान हूँ या मशीन,
कैसा ये यक्ष-प्रश्न है?

#dilemma *ये कैसा द्वंद्व है?* ============= दिल और दिमाग के बीच, चल रहा ये कैसा द्वंद्व है? मैं इंसान हूँ या मशीन, कैसा ये यक्ष-प्रश्न है? #Poetry