#OpenPoetry आग सी लगी है भीतर मेरे कुछ करने की चाहत है सपने तो बहुत उच्चे है और चेहरे पर मुस्कुराहट है राह भी मालूम है अपनी मंजिल का पर जिम्मेदारियों की रूकावट है "अलग" धीमे धीमे ही सही चलता रह कभी तो मिलेंगी मुझे ये जो सफ़लता की आहट है #hindi #nojoto #nojotohindi #hindipoems #sukhbirsinghalagh #openpoetry