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क्या ग़ुरूर पालूँ मैं नब्ज़ों में अपनी, गिरी जब जब म

क्या ग़ुरूर पालूँ मैं नब्ज़ों में अपनी,
गिरी जब जब मुझे माटी ने संभाला है। और फ़िर एक दिन माटी में ही ढल जाना है,
मेरी औकात ही क्या जो मैं बैर किसीसे रखूँ?



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#nazarbiswas
क्या ग़ुरूर पालूँ मैं नब्ज़ों में अपनी,
गिरी जब जब मुझे माटी ने संभाला है। और फ़िर एक दिन माटी में ही ढल जाना है,
मेरी औकात ही क्या जो मैं बैर किसीसे रखूँ?



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nazarbiswas3269

Nazar Biswas

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