वो इश्क़ की लुका छुपी सहन नही होती मसरूफीं कर न सितम थोड़ा रेहमियत भरी निगाहों में छिपा ले मेरी ज़िन्दगी भरीसे की कहानी में गवाह बन जाएं मेरी से हमारी छोटे से पन्ने में लिखी जिंदगानी ♥️ Challenge-488 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।