*मेरी शायरी की छाँव में आकर बैठ जाते हैं.. वो लोग, जो मोहब्बत की धूप में जले होते हैं. *मेरी शायरी की छाँव में आकर बैठ जाते हैं.. वो लोग, जो मोहब्बत की धूप में जले होते हैं..