हम अभी तक उन्हीमे है अटके, ये कुछ सपने, जो तुम बुन लाए थे आते आते... गांठ तुम्ही ने लगाई थी, छुड़ालो हमे, उधेड़ दो ये बुनाई जाते जाते.... ©Krishna #गांठ..✍️