ए इश्क़ का सवाल था हमने जवाब में सवाल ही पुछा ये दिल की बात थी हमने उस अंदाज को ठुकरा ही दिया बड़े बेरहमी से! पता नहीं चला क्यु समझ न सके उसकी मोहब्बत को ...... ओ फिरता रहा मेरे लिए गली के हमराही बनकर। हमने एक बार भी ना देखा नज़र उठाकर ..... शायद नजर से नजरें टकराती तो हमें इश्क़ हो ही जाता। दो किनारे एक बन जाते दो दिल एक जान बन जाते। हम सांसो पर भी जी लेते हम एक होकर मोहब्बत के गीत लिखते इस जहाँ में कही भी रहते हम दिल के ही वफादार बनते। काश..... हम उसकी धड़कन को भाँप सकते यह लिखा हुआ आंखों देखा सुंदर प्रेमी का सफर सच का प्यारा लम्हा बन जाता। ©SUREKHA THORAT #लब्ज