#OpenPoetry "" कागज और कलम की प्रेम कहानी"" कोरे कागज की इजाजत पर हुक्म मिला है कलम को चलने का कलम भी अदब की तामील को समझें यह साझेदारी अमर कहानी होती है कागज और कलम बे जुबानी होती है कोरे कागज पर कलम चलती है सिर झुका कर कागज भी कलम को इजाजत देता है अपने सीने पर चलने की इसीलिए मुंह से बोला गया झूठ और कलम से लिखा गया सच मानते हैं Gudvin.barche@g