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उदास कर रही है कोई वजह धीरे-धीरे मुझमें शाम ढ़ल रही

उदास कर रही है
कोई वजह धीरे-धीरे
मुझमें शाम ढ़ल रही है
बेवजह धीरे-धीरे

मायूस होकर क्यूँ
हवा चल रही है
ये किसको ख़बर है
वो खफ़ा चल रही है

कैसे कहें हम
ये कैसे बताएँ
ज़िंदगी नाराज़ हमसे
कौन पहली दफ़ा चल रही है... ♥️ Challenge-651 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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उदास कर रही है
कोई वजह धीरे-धीरे
मुझमें शाम ढ़ल रही है
बेवजह धीरे-धीरे

मायूस होकर क्यूँ
हवा चल रही है
ये किसको ख़बर है
वो खफ़ा चल रही है

कैसे कहें हम
ये कैसे बताएँ
ज़िंदगी नाराज़ हमसे
कौन पहली दफ़ा चल रही है... ♥️ Challenge-651 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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