Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat सितारों की महफ़िल में नुमाइश थी चिरागों ताले अंधेरा सा लगता वहीं कहानी थी चादर ओढ़े लोगों ने अपनी पहचान बतानी थी एक और किस्सा सितारों में वहीं रोज़ महफ़िल जमानी थी कभी तेरी कभी मेरी ज़िन्दगी की खिल्ली उड़ानी थी तरसते हर रात को उसी तारों की बारात हर रात सजानी थी मुलाकात के सिलसिले इस क़दर उलझे वहीं बात बतानी थी दिल में वहीं थे या कमाएं दिल का विश्वास हर रात तारों की बरसात करवानी थी एक जुगनू रोज़ आता तारों के बीच दूरी तय करता वहीं शम्मा फिर जगानी थी वहीं गुज़रा वक़्त सा पुराना नाम लेकर हर रात तारों के साथ बितानी थी। OPEN FOR COLLAB✨ #ATसितारोंकीमहफ़िल • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your beautiful words.✨ Transliteration: Sitaron ki mehfil