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"दूर के ढ़ोल सुहावने होते है" (लघुकथा) कैप्शन में प

"दूर के ढ़ोल सुहावने होते है"
(लघुकथा)
कैप्शन में पढ़े👇 "दूर के ढ़ोल सुहावने होते है"

पूजा आज बहुत खुश थी,क्योंकि उसके पति किशन का तबादला उसके शहर यानी मायके  में ही हो गया था l दो छोटे छोटे बच्चे जिनकी वजह  से उसने अपनी अच्छी खासी नौकरी  छोड़ दी थी क्योंकि सास ससुर देवर के साथ दूसरे शहर में रह रहे थे,उनका साथ रहना संभव  नहीं था और बच्चों को वह नौकरानी के भरोसे छोड़ नहीं सकती थी l 
अब कम से कम बच्चों को माँ के पास तो छोड़ दिया करुँगी वहीं आस-पास घर ले लेंगे।
पूजा ने पति से खुशी से उछलते  हुए कहा....
"पहुँच कर देखते है" 
किशन ने गंभीरता से उत्तर दिया।
"हेलो भाभी !"
"दूर के ढ़ोल सुहावने होते है"
(लघुकथा)
कैप्शन में पढ़े👇 "दूर के ढ़ोल सुहावने होते है"

पूजा आज बहुत खुश थी,क्योंकि उसके पति किशन का तबादला उसके शहर यानी मायके  में ही हो गया था l दो छोटे छोटे बच्चे जिनकी वजह  से उसने अपनी अच्छी खासी नौकरी  छोड़ दी थी क्योंकि सास ससुर देवर के साथ दूसरे शहर में रह रहे थे,उनका साथ रहना संभव  नहीं था और बच्चों को वह नौकरानी के भरोसे छोड़ नहीं सकती थी l 
अब कम से कम बच्चों को माँ के पास तो छोड़ दिया करुँगी वहीं आस-पास घर ले लेंगे।
पूजा ने पति से खुशी से उछलते  हुए कहा....
"पहुँच कर देखते है" 
किशन ने गंभीरता से उत्तर दिया।
"हेलो भाभी !"