तितली का रंग ही उसका दुश्मन है मृत्यु का द्वार उसके लिए चमन है अच्छा जो भी है वह एक जाल है जिसमें फंस जाता स्वछंद मन है। खूबसूरत फूल उसे बुलाते हैं शिकारी के उस पर टिके नयन है ©Kamlesh Kandpal #khubsurati