मंजिल मिले या न मिले ये तो मुकद्दर की बात है। हम कोशिश भी न करे ये तो गलत बात है। जिंदगी जख्म है वक्त को मरहम बनाना सीख लो,, हारना तो एक दिन मौत से भी है,फिलहाल अपनी जिंदगी जीना सीख लो।।।। मंजिल मिले या न मिले।।।