मिश्री सी मीठी, गुड़ की डली है बिटिया हमारी ससुराल चली है मां की सीख पिता का प्यार मामा मामी का लाड़ दुलार भाईयो के नाज़ औ नखरे और सखियों का वो संसार आज आंचल में समेट हुए सबकी दुआएं साथ चली हैं बिटिया हमारी ससुराल चली है खुशबू जैसी महकती रहना और नदियों सी शीतल बहना संस्कारों का पुल बनाकर दो परिवारों को जोड़े रहना घर में सभी का प्यार मिले बहू बेटी का मान मिले दुआओं की दौलत लुटाती हुई बिटिया हमारी ससुराल चली है बेटी की विदाई पर... YourQuote Baba YourQuote Didi