Nojoto: Largest Storytelling Platform

छाया क्या विडंबना है सूरज के क्षितिज पर आते ही

छाया

 क्या विडंबना है
 सूरज के क्षितिज पर आते ही
 धरती पर छाया भी आ जाती है
कभी आगे तो कभी पीछे
सूरज के साथ आँख-मिचौनी का खेल
सदा साथ खेला करती है

©DR. LAVKESH GANDHI
  #छाया #
# कभी आगे कभी पीछे #

छाया # # कभी आगे कभी पीछे #

387 Views