खूब लड़ी मर्दानी वो तो हार कहाँ उन ने जानी थी, अपनी तलवार के साये मे, फिरगीं की गरदन टांगी थी, अमर रहेगी कथा उनकी नारी वे स्वाभिमानी थी, खूब लडी मर्दानी वो तो.... झाॅसी वाली रानी थी।