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कुचल कर गुलाब से मन को, उछल रहे हैं कुछ लोग..! मार

कुचल कर गुलाब से मन को,
उछल रहे हैं कुछ लोग..!
मारा गया था रावण यूँ ही,
अहँकार का लगा था रोग..!

©SHIVA KANT
  #SunSet #ahankaar