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मैं कितना भी रूठ जाऊ कान्हा पर सुकून तुम्हारे पास

मैं कितना भी रूठ जाऊ कान्हा
पर सुकून तुम्हारे पास ही आकर मिलता है। #राधाकृष्णप्रेम
मैं कितना भी रूठ जाऊ कान्हा
पर सुकून तुम्हारे पास ही आकर मिलता है। #राधाकृष्णप्रेम