आपसी राजनीति का तालमेल हो वैसे सियासत खेल हो जैसे बिके नेता चंद अमीरों के पीछे तो कुछ बिके कुर्सी के पीछे कहीं का ताना बाना कही पर जोड़ा हो जैसे खुद हो गए है भगवान ओर जनता हो गई लाचार जैसे सही कहा सियासत खेल हो जैसे शतरंज की चाल को खेले है ऐसे जैसे सब हो वजीर ना बने कोई प्यादा ना बनने पाए कोई राजा सियासत खेल हो जैसे करे वादे उस सफेद पोशाक में ऐसे जैसे सच्चे देशभक्त हो इस देश के कोन जाने कितनी कुकर्मियता है उस सफेद पोशाक के पीछे सही कहा सियासत खेल हो जैसे✍️✍️ मेरी कलम✍️✍️ सियासत अजीब ग़रीब खेल है, समझ में ही नहीं आता। जनता हर बार ताली पीट रही होती है। आप क्या सोचते हैं। लिखें। #सियासत #politics #collab