"क्या करू" किसकी सुनु , मैं क्या करू मैं। अपने सपनों को किसी कमरे मैं बंद कर दिये, बस समाज क्या कहेगा यही सुनतीं हुं मैं , क्या करूं मै। अच्छे कपड़े पहन लिए तो उडो मत , किसी से बात न करूं, किसी से बात नहीं करतीं, बस समाज क्या कहेगा यही सुनतीं हुं। क्या करूं , अगर अपनी मर्जी से कुछ करना चाहा तो निकल गई ,शक कि नागाहो से देखने लगते हैं, बस चार दिवारी मे बंद कर दिया कुछ न करो , और तु कुछ नहीं कर सकतीं , क्या करूं , एक बार सुनो तो मुझे भी, एक बार करने तो दो, जरा देखने तो उनको भी जो हंसते है मुझ पर , क्या करूं मैं , बता सकतीं हुं मैं भी, क्या करूं मैं।। ©jagruti Bhardwaj क्या करूं मैं।। #freebird