भुला दिया मैने तुम्हें... क्योंकि तुम्हारा ये एहसास अब मुझे सताता बहुत था ये झूठ आज मैने खुद से बोला.. क्योंकि ये सच अब मेरी रूह को दिदाता बहुत था खत्म कर दी मैने इश्क की दास्ता... क्योंकि ये अधूरा सा इश्क अब मुझे चुभता बहुत था रूठती नही मैं खुद से अब मुझे रास आता नही था जीती हू ज़िन्दगी मै हम भुलाकर... क्योंकि ये गमों का काखां अब मुझे रुलाता बहुत था Fizakhan #newday अब मुझे रुलाता बहुत था