ज़िन्दगी भी उस प्याले सी है कभी गरम तो कभी ठंडी चाय जैसी है पकड़ के प्याले को मजबूती से जीते है हम बचकर भी रह दोस्त उस प्याले से कभी कभी प्याले टूटी उम्मीद सी है । #चाय #प्याले