हर कोई रक्खे आपकी सोच से, इत्तेफ़ाक़ ये कोई ज़रूरी तो नहीं क्यों ना करें लोग विरोध, आपका, उनकी कोई मज़बूरी तो नहीं! ख़ुद को सही साबित करने के लिए नाइत्तेफ़ाक़ी भी ज़रूरी है ज़िंदगी में कोई रब खोजे, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे में, किसी की गंगा कठोती में! कोई हर साल गंगा नहाये, कर ले तीर्थ चारों धाम अपनी ज़िंदगी में, कोई दो जून की रोटी बांटकर भी ख़ुश, वल्लाह!शिद्दत देखो बंदगी में! Challenge-143 #collabwithकोराकाग़ज़ 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) (नाइत्तिफ़ाक़ी उर्दू शब्द है जिसका अर्थ है असहमति या मतभेद) #नाइत्तिफ़ाक़ी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️