मोर मुकुट वाले मुरली धारी मेरे कृष्ण बिहारी की लीला अति न्यारी है। बाल्यकाल से ही दुष्टों का संहार करते लीला रचाते मेरे रासबिहारी हैं। गोवर्धन का महत्व समझाकर पूजा करवाते हैं तो इंद्र क्रोधित हो जाते हैं। कुपित हो इंद्रदेव अतिवृष्टि करके सारी धरा को जल मग्न करने लगते है। ब्रज वासियों की रक्षा के लिए तब कृष्ण स्वयं विशाल पर्वत को उठाते हैं। कनिष्ठ उंगली पर उठाकर गोवर्धन पर्वत को सबको आश्चर्यचकित करते हैं पर्वत के नीचे सारे बृजवासी ग्वाल बाल और गायों संग सुरक्षित हो जाते हैं इंद्र के प्रकोप से बचाकर सारे ब्रजवालों को, इंद्र का अभिमान मिटाते है। दिखाकर इंद्र को अपना विराट रूप अपनी असलियत का भान कराते हैं। अज्ञानता वश की गई भूल के लिए इंद्र कृष्ण से करबद्घ माफी मांगते है। कृष्ण की करते सब जय जयकार ईश्वर का अवतारी कहकर बुलाते हैं। तभी से हमारे प्यारे लीलाधारी, कृष्ण बिहारी, गोवर्धनधारी कहलाते हैं। -"Ek Soch" Govardhan parvat h aaj ka topic... #govardhanparvat #collab #yqbaba #yqdidi #yqquote #krishna #krishnalove Time limit: till 10:00 pm tonight No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...