Nojoto: Largest Storytelling Platform

मंजिले तो हमने भी तय कर रखी थी, पर शायद खुदा को औ

मंजिले तो हमने भी तय कर रखी थी,
 पर शायद खुदा को और ही कुछ मंजूर था। 
पर हम मुसाफिर इतने कमजोर तो नहीं, 
कि रास्ता बदलने पर मंज़िल ही छोड़ दे, 
हम तो उनमें से है जो गिर कर फिर से।
उठ कर दुगनी मेहनत से के साथ ,
अपनी मंज़िल की और आगे चल पड़ा हैं। 

          👀🙌❤



 मंज़िल दूर नहीं नहीं, 
फिर से उठ और मंज़िल को जीत le....🖤🔸️
मंजिले तो हमने भी तय कर रखी थी,
 पर शायद खुदा को और ही कुछ मंजूर था। 
पर हम मुसाफिर इतने कमजोर तो नहीं, 
कि रास्ता बदलने पर मंज़िल ही छोड़ दे, 
हम तो उनमें से है जो गिर कर फिर से।
उठ कर दुगनी मेहनत से के साथ ,
अपनी मंज़िल की और आगे चल पड़ा हैं। 

          👀🙌❤



 मंज़िल दूर नहीं नहीं, 
फिर से उठ और मंज़िल को जीत le....🖤🔸️