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दो दीवाने दिल के चले हैं यूँ मिल के, खिल के पुष्प

 दो दीवाने दिल के चले हैं यूँ मिल के,
खिल के पुष्प सा बन के बहार..!

जग में जगमगाने यूँ अपना नाम कमाने,
मोहब्बत महकाने हो के गुलज़ार..!

नफरत मिटाने प्रेम को प्रत्येक के बीच जुटाने,
गिराने को द्वेष भावना की दीवार..!

प्रेम तो वो जरिया है मोहब्बत का दरिया है,
बहता ही रहता है इश्क़ का प्रचार..!

संग में गुज़ारा हो सकता है यारा,
दिखता है प्यारा देखो इश्क़ हर बार..!

मन मुटाव दूर कर ख़ुद को मशहूर कर,
बनाने चले हैं मोहब्बत की सरकार..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #Hum #Dodiwanedil❤️❤️

#Hum Dodiwanedil❤️❤️ #Poetry

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