बेटियांँ श्रृंगार करती है..🌷 बचपन से ही संस्कारों का, सादगी का और विश्वास का सीख लेकर ही बड़ी होती है...😊 रिश्तों में मिठास भरने की लोगों में जीवंतता भरने की सारी सृष्टि के सुख और दुख को स्वयं में समाने की..🥰 बालों में कंघी डालकर जो घूमा करती है वह पल भर में सृष्टि का आधार बन जाती है..😊 लोग नये मिलते हैं ससुराल में परिवेश नया मिलता है...🌺 कहने को तो जीवन एक ही होता है पर बेटियांँ दो जीवन जीती है..👣 उत्साह-उमंग से परिपूर्ण रखना होता है समस्त जीवन...🌼 परिवार रूपी विशाल वृक्ष की जड़े जो होती है बेटियांँ...🌹 ढ़ल जाती है हर परिवेश में जल्द ही सृष्टि का सार जो होती है बेटियांँ..😊 प्रियतम बेटियांँ सृष्टि का आधार है...🌷😊🙏 व्यस्तता के चलते आप 😊🙏सभी के सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे थे क्षमा 🙏🙏चाहते हैं याद करने के लिए आप सभी का सस्नेह धन्यवाद 🌷😊😊🙏🙏 प्रिय आनंद कुमार 🌷😊💐💐🍫 Uma Yadav बहना💐💐🍫🍫 Manoj Dhadiwal मित्र ❣️ जी 🍫🍫💐💐🌷 maa ki ladlii..💞 बहना जी 🍫🍫💐💐🙏🙏 maahi sharma जी😊😊🙏🙏🍫🍫💐💐 Madhuri Mishraदीदी🙏🙏🍫🍫💐💐😊😊 🙏🙏🙏🙏🙏🙏