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रात का अँधेरा हो या सुबह का उजाला हो चाहे लड़खड़ाते

रात का अँधेरा हो 
या सुबह का उजाला हो
चाहे लड़खड़ाते हुए
चाहे किसी ने संभाला हो
बस युही ये सफर चलता रहे 
गुमनाम सी मंजिल हो 
या पहचानी सी राहे हो 
साथ किसी अनजाने का हो

रात का अँधेरा हो या सुबह का उजाला हो चाहे लड़खड़ाते हुए चाहे किसी ने संभाला हो बस युही ये सफर चलता रहे गुमनाम सी मंजिल हो या पहचानी सी राहे हो साथ किसी अनजाने का हो #कविता #hindishayari #sarkar #vidio #kingh

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