कवि की सोच रवि से आगे जहाँ न पहुंचे कोई अभागे, वहाँ हो कवि सबसे आगे। मूरत में जीवन वो ला दे, चन्द शब्दों से काव्य बना दे। कलम है जिसका हथियार, जो शब्दों से करता है प्रहार।। बड़े बड़े सुरमा को धूल चटा दे वीरान में हरियाली ला दे।। कल्पना है जिसका श्रृंगार, जो धूल से भी करता है प्यार। कवि भाग- 1 ##कवि ##