अकसर मैं सच बता दिया करती हूँ, क्योंकि मुझे मेरी हकीकत अच्छी लगती है। यूँ तो कहने को जब सब अपने होते है, तो गैर ही क्यों टच में रहते हैं। खुशियाँ अगर किराये पर ही मिलती, तो लोग बैंकों में होम लोन क्यों अपलाय करते। कुछ लोगो का कहना है कि मुझमें थोड़ी सी अकड़ हैै, पर अगर सूखी लकड़ी में अकड़ न हो ,अकसर कई घरों में चूल्हे नहीं जलते। ये जो र्बैड र्बैड का रट लगाये बैठे हैं,याद रखना मेरे दोस्तों, दिल की खूबसूरती का कोई र्बैड नहीं होता। मन तो करता है कि लोगों कि गंदी सोच बदल दूँ,पर क्या करूँ माँ बाप की बदनामी से डर लगता है।अकसर करोड़ो कि बाते करने वाले,जब बात एक रुपये पे आती है,तो उसकी किमत नहीं समझते। ये इंसान भी कितना मतलबी होता है,लड़कियों को मार देता हैऔर दूसरी तरफ गाय आैर गाय के बछिये को संभाल लेता है। इंडिया कि गलियों में लड़का लड़की आपस मेंं हस बोल क्या लेते है,लोग कहते हैं कि इनका करैक्टर ढीला है,अरे ओ करैक्टर की बाते करने वालों पहले अपना स्टैंडर्ड तो चेेक कर लो कि कितना ढीला है,और कितना गीला। #NojotoQuote