किसे मा'लुम था किसे मा'लूम था कि ज़िंदगी में कभी ऐसा होगा ! मिली आज़ादी भी कभी कैद के जैसा होगा! जिन हवाओं के सहारे चलती थी हमारी साँसे! आज उन हवाओं के असरात कुछ ऐसा होगा! सभी परेशान हैं , गमगीन हैं , मायूस भी हैं! सोंचा न था कि ख़ुदा का कहर कभी ऐसा होगा! खुली किताब की तरह खुल गए इंसा की क़ुव्वत! भूखे पेट ही रह जाओगे चाहे लाख पैसा होगा! आख़िर में दुआ हैं इस गुनहगार को ख़ुदा से 'मीर'! माफ कर ,लौटा दे खुशियां चाहे जो हो जैसा होगा!! #ग़ज़ल #coronavirus #Ilovemyindia #saveyourlife #nojoto #life #godisalmighty