वक्त का तु सिकंदर , तूझे जीत का एहसास हे जहर भरा हो शरीर मे तेरा शरीर ही अवजार हे समशेर सी हे जिदगी तुझे तेरा वजूद नही खोना हे पत्थरो से भरी दुनिया मे तुझे कभी नहीं रोना हे आग लगी हे तुफानो को तुझे तेरी जखमो को भरना हे दर्द को ढाल बनाकर काटो की राह चलना हे -युगेंद्र अशोक काकडे #againstcorona