इक सहमी सहमी सी आहट है इक महका महका साया है, ये एहसास तुम्हारी मोहब्बत का ना जाने क्या रंग लाया है, ए यार सनम कुछ तू ही बता तू मुझे इतना क्यों भाया है, ये दिल प्रेम खोज में निकला था और तुझ को ढूँढ के लाया है। #लाइव