Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे प्रेम, तुम्हारे नाम मैंने रची हैं अने








 मेरे प्रेम,
तुम्हारे नाम मैंने रची हैं
अनेकों प्रेम कविताऐं...
तुम्हें समर्पित कर मैंने 
गढ़े हैं ढेरों प्रेम पत्र...
क्या तुम कभी ज़िक्र नहीं 
करोगे मेरा, अपने लफ्ज़ों में
क्या तुम नहीं चाहोगे लिखना







 मेरे प्रेम,
तुम्हारे नाम मैंने रची हैं
अनेकों प्रेम कविताऐं...
तुम्हें समर्पित कर मैंने 
गढ़े हैं ढेरों प्रेम पत्र...
क्या तुम कभी ज़िक्र नहीं 
करोगे मेरा, अपने लफ्ज़ों में
क्या तुम नहीं चाहोगे लिखना