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कोई मुझे भी सिखा दो, नेकी से मुकर जाना । कोई मुझे

कोई मुझे भी सिखा दो, नेकी से मुकर जाना ।
कोई मुझे भी सिखा दो, बेइंतहा कहर ढाना ।
अब और नही होता, वादों का निभाना ।
अब और नही होता इस दुनिया से हरपल लड़ जाना ।

ऐ खुदा ! तू क्यों भूल गया मेरी जिंदगी को संवारना ।
क्या खता थी मेरी, जो तू भूल गया मुझे पुकारना ।
तेरी इस दुनिया में अब और नही होता इंसान बन पाना ।
खुशियों की तलाश थी, मिला हरपल दर्द का ही तराना ।
माना कि दर्द और खुशियां हैं जिंदगी का फसाना ।
फिर क्यूं सफर खुशियों का शुरू होते ही ख़त्म हो जाना ।
तू फैसला कर दे कुछ, अब मुनासिब नही ये जहर सोख पाना । #life #pain #world #
कोई मुझे भी सिखा दो, नेकी से मुकर जाना ।
कोई मुझे भी सिखा दो, बेइंतहा कहर ढाना ।
अब और नही होता, वादों का निभाना ।
अब और नही होता इस दुनिया से हरपल लड़ जाना ।

ऐ खुदा ! तू क्यों भूल गया मेरी जिंदगी को संवारना ।
क्या खता थी मेरी, जो तू भूल गया मुझे पुकारना ।
तेरी इस दुनिया में अब और नही होता इंसान बन पाना ।
खुशियों की तलाश थी, मिला हरपल दर्द का ही तराना ।
माना कि दर्द और खुशियां हैं जिंदगी का फसाना ।
फिर क्यूं सफर खुशियों का शुरू होते ही ख़त्म हो जाना ।
तू फैसला कर दे कुछ, अब मुनासिब नही ये जहर सोख पाना । #life #pain #world #